शेयर बाजार में सफलता के 3 चरण

stock market  में या commodity market समझो या forest जितने भी trading market है वो सब मार्केट में तीन टाइप के ट्रेडर होते हैं या तीन टाइप के Trading के Stage होते हैं 


पहला स्टेज ये होता है कि लिमिटेड प्रॉफिट अनलिमिटेड लॉस

सेकंड स्टेज ये होता है जिसमें लिमिटेड लॉस लिमिटेड प्रॉफिट

थर्ड स्टेज में ये होता है कि लिमिटेड लॉस अनलिमिटेड प्रॉफिट 

so Let's understand  These All this Stages  जो भी Traders ये Marekr में Invest करने या trading करने आते हैं वो हर बंदा ये तीन स्टेज से गुजरता है 

शेर बाजार में पहला कदम: नौसिखिए ट्रेडर की कहानी

कल्पना कीजिए, आप शेयर बाजार की चकाचौंध में खींचे गए हैं। जेब में थोड़ी पूंजी, दिल में बड़े सपने। आप पहली बार 100 रुपये का शेयर खरीदते हैं, और किस्मत थोड़ी मेहरबान होती है। शेयर 5% बढ़ जाता है।आप खुशी से झूम उठते हैं। 5% का मुनाफा! यह तो कमाल है! जल्दी से "quick profit" बनाकर मुनाफा निकाल लेते हैं।

लेकिन क्या आपने सोचा? क्या यह वास्तव में इतना आसान है?

कहानी का दूसरा पहलू:

मान लीजिए, शेयर 100 रुपये से गिरकर 95 रुपये हो जाता है। नुकसान! आपका मन घबरा जाता है। "नहीं, नहीं," आप सोचते हैं। "यह शेयर तो बढ़िया है। इसे ज़रूर "hold" करना चाहिए।"यह वो गलती है जो 80% नौसिखिए ट्रेडर और निवेशक करते हैं। गलत अनुमान, घबराहट, और लालच उन्हें नुकसान की ओर धकेल देते हैं। बाजार 10% या 20% गिरता है और "hold" करने वाले ट्रेडर या तो "wipe out" हो जाते हैं या उनकी पूरी पूंजी डूब जाती है

शेर बाजार का दूसरा चरण: सीखने की लहर

पहले चरण की उड़ान भरने के बाद, कुछ ट्रेडर और निवेशक धरती पर उतरते हैं। उन्हें समझ आता है कि "quick profit" और "hold" की रणनीति से मार्केट में टिकना मुश्किल है।

वे सीखने की ओर रुख करते हैं। चार्ट पैटर्न, कैंडल स्टिक, हेड एंड शोल्डर, डोजी - ज्ञान का भंडार भरते हैं। उनकी ट्रेडिंग शैली बदलती है। अब "Limited Loss- Limited Profit" का सिद्धांत अपनाते हैं।

उदाहरण:

छोटा मुनाफा, छोटा नुकसान। समय के साथ, ट्रेडिंग में मजा आता है। लेकिन एक साल, तीन साल, पांच साल बाद? आप वहीं खड़े हैं जहां से शुरू किए थे। क्यों? यह "Excitement for Trading" है। अच्छा लगता है, पैसा कम बनता है। मैं "Head & Shoulder" और "Doji" के खिलाफ नहीं हूं। लेकिन मैंने आज तक किसी भी ट्रेडर को इस तरह "Millionaire" या "Billionaire" बनते नहीं देखा। 80% ट्रेडर पहले चरण में ही हार मानकर चले जाते हैं। जो दूसरे चरण में आते हैं (20%), उनमें से भी 13-14% उसी चरण में फंस जाते हैं। वे पैसे कमाने आते हैं, मगर लक्ष्य पूरा नहीं होता।

पहले चरण के ट्रेडर "Only Aspirate to Earn Money" करते हैं। उन्हें लगता है कि "शेयर बाजार" "ATM" है। नुकसान की उम्मीद ही नहीं करते। लेकिन यह कहीं भी संभव नहीं, न ही "शेयर बाजार" में, न ही किसी अन्य ट्रेडिंग मार्केट में।

दूसरे चरण में ट्रेडर सीखना और पैसा कमाना दोनों चाहते हैं। लेकिन "Limited Profit- Limited Loss" के चक्कर में फंस जाते हैं।

वे ऐसी रणनीतियां ढूंढते हैं जिनमें अधिकतम बार मुनाफा हो और कम से कम बार नुकसान। पहले और दूसरे चरण में आप जो पसंद करते हैं, वही करते हैं। छोटे मुनाफे, बड़े नुकसान।

क्या यह सही है? अगले चरण में जानेंगे...

शेर बाजार का तीसरा चरण: मुनाफे की कुंजी

अब हम तीसरे चरण में प्रवेश करते हैं। यह वह चरण है जहां आपको वह मिलता है जिसकी आप तलाश में थे: बड़ा मुनाफा! लेकिन एक पेंच है। आपको वो करना होगा जो आपको पसंद नहीं है। अगर आपको मुनाफा चाहिए, तो आपको वो चीजें करनी होंगी जो आपको पहले कभी पसंद नहीं थीं। पहले और दूसरे चरण में जो आपको पसंद था, वो तीसरे चरण में नहीं होगा। 

आपको "Loss Cut" करते हुए सीखना होगा। लगातार "Loss Cut" करना होगा। और अपने "Profitable Trades" को "Hold" रखना होगा।

समस्या?

तीसरे चरण में आपके सही होने की संभावना 30% या 40% से ज्यादा नहीं होती। अधिकांश समय, आप थोड़ा मुनाफा या थोड़ा नुकसान कमाएंगे। केवल 20% से 30% ट्रेडों में आपको बड़ा मुनाफा मिलेगा। यह चरण थोड़ा "Boring" है। अधिकांश समय, आपको कुछ भी नहीं मिलेगा।

तो, "Third Stage" वाले कब पैसा कमाते हैं और कब खोते हैं? जब "First" और "Second Stage" वाले पैसा कमाते हैं, "Third Stage" वालों का "Drawdown" आता है। पहले और दूसरे चरण में ट्रेडर "Small Profit" और "Small Losses" करते हैं। लेकिन "Third Stage" वाले थोड़े-थोड़े "Losses" करते रहते हैं। जब "Third Stage" वालों का "Profitable Trading" शुरू होता है, तो "First" और "Second Stage" वालों का "Small Profit" एक ही बार में चला जाता है। उनकी "Trading Capital" "Wipe Out" हो जाती है।

शेयर बाजार में एक बात याद रखें: "Loss अपना ध्यान खुद नहीं रख सकता।" लेकिन "Profit" अपना ध्यान खुद रख लेगा।

जब आपको "Loss" होता है, तो आप उसके पीछे भागते हैं और उसे "Hold" करते हैं। लेकिन जब "Profit" होता है, तो आप "Exit" करने की जल्दी करते हैं।

मेरा उदाहरण:

मैंने "Sintex" का "Trade" जनवरी में शुरू किया था। तीन "Trades" में "Loss" हुआ। चौथा "Trade" "Buy" किया।

चार्ट देखिए। हमने 88 पर "Buy" किया। स्टॉक 100 के ऊपर गया, फिर 94 आ गया। एक "Lot" पर 80,000 से 1 लाख का "Profit" 20,000 हो गया। फिर 94 से 93, 103, 95, और आज 117 है। मैंने "Profitable Position" को "Hold" रखा। मुझे नहीं पता कब "Trend" खत्म होगा बाजार को ही तय करने दें।

मेरा मुद्दा:

शेयर बाजार में अधिकांश समय सही होने की कोशिश नहीं करें।

जब आप "सही" हों, तो अधिकतम कमाने की कोशिश करें।

शेयर बाजार का तीसरा चरण: अनुशासन का महत्व 

शेयर बाजार में सफलता चाहते हैं? तीसरे चरण में प्रवेश करें जहाँ अनुशासन राजा है! पहले और दूसरे चरण में, ट्रेडर पैसे और अनुमान के चक्कर में फंस जाते हैं। लेकिन तीसरे चरण में, अनुशासन और जोखिम प्रबंधन ही कुंजी है।

राकेश जंझुनवाला जैसे सफल निवेशक इसी चरण में हैं।

उनसे सीखें:

याद रखें:

तीसरा चरण एक मैराथन है, स्प्रिंट नहीं। धीरे-धीरे सीखें और अनुभव प्राप्त करें। सही रणनीति और अनुशासन सफलता लाएंगे।

तीसरे चरण में प्रवेश करने और शेयर बाजार में लगातार मुनाफा कमाने के लिए तैयार हैं? 

Nifty Millionaire: Professional Traders बनने का रास्ता

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